पाक में खुलेंगे चीनी कंपनियों के दफ्तर, चीनी राजदूत जिंग ने कहा- हमारे लिए पाकिस्तान व्यापार का उभरता हब
पाकिस्तान में चीनी कंपनियां अपने क्षेत्रीय कार्यालय खोल सकेंगी। इस्लामाबाद में प्रधानमंत्री इमरान खान ने 10 बड़ी चीनी कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में यह जानकारी दी। ये कंपनियां ऊर्जा, कृषि, वित्त और संचार सेक्टर की हैं। बैठक में इनके प्रतिनिधियों समेत चीनी राजदूत यो जिंग और पाकिस्तान के मंत्री व अधिकारी शामिल हुए थे।
पाकिस्तानी अखबार द डॉन के मुताबिक, इमरान ने कहा कि सरकार चीनी निवेशकों को हर संभव सुविधा उपलब्ध कराएगी। हमारी प्राथमिकता पाकिस्तान-चीन व्यापार संबंध बेहद मजबूत बनाना है। जबकि, चीनी राजदूत जिंग ने कहा कि चीन के लिए पाकिस्तान व्यापार का उभरता हब है। प्रधानमंत्री इमरान ने स्पष्ट रूप से घोषणा की थी कि सीपीईसी चीन और पाकिस्तान के बीच संबंधों को मजबूत करेगा। सरकार ने यह फैसला उस वक्त लिया है, जब एफएटीएफ ने उसे आतंकी गतिविधियों पर अंकुश नहीं लगा पाने पर ब्लैकलिस्ट में डालने की चेतावनी दी है। जबकि पाकिस्तान पर अन्य देशों का भारी कर्ज है।
पीओके में पत्रकार ने पाकिस्तान का झंडा उतारा
पीओके के दादयाल शहर में पत्रकार- एक्टिविस्ट तनवीर अहमद ने पाकिस्तान का झंडा उतार दिया था। तनवीर झंडा उतारने की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे थे। जब प्रशासन ने बात नहीं मानी तो उन्होंने खुद झंडा उतार दिया। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। तनवीर को धमकियां मिल रही हैं।
नदियों पर बांध बनाने के खिलाफ मशाल रैली; नारे लगे- नीलम, झेलम बहने दो
- पीओके के मुजफ्फराबाद में हजारों लोगों ने नीलम और झेलम नदियों पर बांध बनाने के प्रोजेक्ट के खिलाफ मशाल रैली निकाली। ये बांध चीन की कंपनियां बना रही हैं। इसके लिए उसने पाकिस्तान से डील की है। प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए- ‘दरिया बचाओ, मुजफ्फराबाद बचाओ’, ‘नीलम, झेलम बहने दो, हमें जिंदा रहने दो।’
- पिछले महीने पाकिस्तान और चीन ने पीओके में आजाद पट्टन और कोहला हाइड्रोपावर प्रोजेक्टों की डील की है। आजाद पट्टन चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) के हिस्से के रूप में 700.7 मेगावाट बिजली उत्पादन का प्रोजेक्ट है। इसमें चीन की जियोझाबा कंपनी 11,432 करोड़ रुपए का निवेश कर रही है।
- कोहला प्रोजेक्ट झेलम नदी पर है। यह पीओके के सुधनोटी जिले में आजाद पट्टन पुल से करीब 7 किमी और इस्लामाबाद से 90 किमी दूर चल रहा है। इसके 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है। इसमें चाइना थ्री गोरजेस कॉर्पोरेशन, इंटरनेशनल फाइनेंस कॉर्पोरेशन और सिल्क बोर्ड फंड निवेश कर रहे हैं।
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